कितने बदल गये है आज के रिश्तें भी, चंद मुस्कान के लिये चुटकुले सुनाने पड़ते है !!
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बदल रही हे जिंदगी, बदल रहे हे अन्दाज जीने के…बदल रहे हे लोग, खंजर छुपाये बेठे है अपने भी अपने सीने मे
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ख़्वाहिशों की चादर तो कब की तार तार हो चुकी… देखते हैं वक़्त की रफ़ूगिरी, क्या कमाल करती है|
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सफल इंसान वो ही है जिसे टूटे को बनाना और रूठे को मनाना आता है।
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यह दुनिया बिलकुल वैसी ही है जैसे आप देखना चाहते हैं , चाहे तो कीचड़ में कमल देख लो चाहे देख लो चाँद पर दाग
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कुछ नही मिलता दुनिया में मेहनत के बगैर ?….. मेरा अपना साया मुझे धूप में आने के बाद मिला ??
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आँधियाँ गम की चलेगी तो भी सँवर जाऊँगा , मैं तो दरिया हूँ समुद्र में भी उतर जाऊँगा
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सब्र रख तेरी कदर उसे वक़्त बताएगा
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दुनिया का सबसे मुश्किल काम …. ” अपनों को अपनों में ढूंढना “
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ज़िन्दगी आखिरकार ? रुला ही देती है… जनाब …..फिर चाहे हम माँ बाप के कितने ही लाड़ले क्यूं ना हो…
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दिल ❤ की➡क्युँ ❔सुनें ? दिल ❤ में दिमाग होता ? है क्या
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करके कुर्बान अपनी खुशियो ? को, दूसरो की खुशी ? में अपनी खुशी ? को देखा है .. शुक्रगुजार है हम तेरे …खुदा जो तुने नारी रुप में साक्षात् देवी को भेजा है
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किसी ने खूब कहा है – अँधेरा दिल में है और दिये मन्दिरों में जलाते हैं
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वो जो मुझे हँसते हुए देख कर खुश समझते हैं , वो अभी मुझे समझे नहीं।
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फ़ितूर होता है हर उम्र में जुदा – जुदा …… खिलौना , इश्क़ , पैसा फिर खुदा खुदा
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लगता है ज़िन्दगी आज कुछ खफा है … चलिए छोड़िये , कौन सी पहली दफा है।
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सहम सी गयी है ख्वाइशें , जरूरतों ने शायद उनसे ऊँची आवाज़ में बात की होगी।
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समय बहाकर ले जाता है , नाम और निशान !! कोई “हम” में रह जाता है कोई “अहम” में।
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मुझे शौहरत कितनी भी मिले मैं हसरते नहीं रखता , मैं सब भूल जाता हूँ, पर दिल में नफरतें नहीं रखता
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मन की शान्ति सबसे बड़ा धन है
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सोचा था घर बना कर सकून से बैठूंगा पर घर की जरूरतों ने मुसाफिर बना दिया।
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दुनिया की सारी ख़ुशी मौजूद हो…लेकिन घर ?में बेटी ना हो तो घर? अच्छा नहीं लगता
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सच्चे किस्से शराब खाने में सुने वो भी हाथ मे जाम लेकर, झूठे किस्से अदालत में सुने वो भी हाथ मे गीता-कुरान लेकर…
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ना हथियार से मिलते है , ना अधिकार से मिलते है , दिलो में जगह अपने व्यवहार से मिलते है
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