मेरे रहते डर कैसा?
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मैं निराकार हूँ और सर्वत्र हूँ.
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मेरा काम आशीर्वाद देना है.
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मैं किसी पर क्रोधित नहीं होता.
क्या माँ अपने बच्चों से नाराज हो सकती है? क्या समुद्र अपना जल वापस नदियों में भेज सकता है ?
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मैं तुम्हे अंत तक ले जाऊंगा
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पूर्ण रूप से ईश्वर में समर्पित हो जाइये.
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यदि तुम मुझे अपने विचारों और उद्देश्य की एकमात्र वस्तु रक्खोगे , तो तुम सर्वोच्च लक्ष्य प्राप्त करोगे.
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प्रभु के लिए खुशियों के गीत गाओ,
प्रभु के नाम की सेवा करो, और उसके सेवकों के सेवक बन जाओ.
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तेरी हजारों आँखें हैं और फिर भी एक आंख भी नहीं ; तेरे हज़ारों रूप हैं फिर भी एक रूप भी नहीं.
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उसकी चमक से सबकुछ प्रकाशमान है.
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मेरा जन्म नहीं हुआ है; भला मेरा जन्म या मृत्यु कैसे हो सकती है
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नहीं रहना चाहिए. बिना गुरु के कोई भी दुसरे किनारे तक नहीं जा सकता है.
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भगवान एक है, लेकिन उसके कई रूप हैं.
वो सभी का निर्माणकर्ता है और वो खुद मनुष्य का रूप लेता है.
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ना मैं एक बच्चा हूँ , ना एक नवयुवक, ना ही मैं पौराणिक हूँ, ना ही किसी जाति का हूँ.
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मैं तुम्हे एक नया आदेश देता हूँ: एक दूसरे से प्रेम करो.
जैसे मैंने तुमसे प्रेम किया है, तुम एक दूसरे से प्रेम करो- यीशु मसीह
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स्वर्ग में और पृथ्वी पर सारे अधिकार मुझे दिए गए हैं
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मेरी दृष्टि हमेशा उनपर रहती है जो मुझे प्रेम करते हैं.
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तुम जो भी करते हो, तुम चाहे जहाँ भी हो, हमेशा इस बात को याद रखो:
मुझे हमेशा इस बात का ज्ञान रहता है कि तुम क्या कर रहे हो.
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अपने गुरु में पूर्ण रूप से विश्वास करें. यही साधना है.
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मैं अपने भक्त का दास हूँ.
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मेरी शरण में रहिये और शांत रहिये. मैं बाकी सब कर दूंगा.
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सारे धर्म इंसानों द्वारा बनाये गए हैं.
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निर्माण केवल पहले से मौजूद चीजों का प्रक्षेपण है
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मैं हर एक वस्तु में हूँ और उससे परे भी. मैं सभी रिक्त स्थान को भरता हूँ.
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