मेरी ना सही तेरी होनी चाहिए , किसी एक की तो तमन्ना पूरी होनी चाहिए
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हम तो मज़ाक में भी किसी का दिल दुखाने से डरते हैं , पता नहीं लोग कैसे सोच समझ कर दिलों से खेल जाते हैं
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दौर नहीं रहा अब किसी से वफ़ा करने का , हद से ज्यादा प्यार करो तो लोग मतलबी समझने लग जाते है
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चाहतें मेमने से भी भोली हैं, पर ज़माना कसाई से भी ज़ालिम है
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शिकायत मौत से नहीं अपनों से थी , ज़रा सी आँखें क्या बंद हुई , वो कब्र खोदने लगे।
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रख लो आइने हजार तसल्ली के लिए..पर सच के लिए तो,आँखे ही मिलानी पड़ेगी..
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बोलने का हक़ छिना जा सकता है, मगर खामोशी का कभी नहीं
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रिश्ता सिर्फ वो नहीं जो गम या ख़ुशी में साथ दे , रिश्ता वो है जो अपनेपन का एहसास दे
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सारा जहाँ उसी का है जो मुस्कुराना जानता है…रौशनी भी उसी की है जो शमा जलाना जानता है…. हर जगह मंदिर हैं लेकिन भगवान तो उसी का है जो सर झुकाना जानता हैं।
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इस जवानी से तो बचपन अच्छा था जब कुछ बुरा लगता था वही रो देते थे , अब तो रोने के लिए भी जगह ढूँढनी पड़ती है
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बचपन मे सब एक ही सवाल पूछते थे …. बड़े होकर क्या बनना है ? जवाब अब मिला मुझे फिर से बच्चा बनना है
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जैसे जैसे उम्र गुजरती है एहसास होने लगता है कि माँ बाप हर चीज़ के बारे में सही कहते थे……
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संभाल के रखना अपनी पीठ को यारो शाबाशी और खंजर दोनो वहीं पर मिलते है
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सहमी हुई है झोपड़ी , पानी के ख़ौफ़ से….. महलों की आरज़ू है की, बरसात तेज़ हो
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सहमी हुई है झोपड़ी , पानी के ख़ौफ़ से….. महलों की आरज़ू है की, बरसात तेज़ हो
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मेरे कड़वे अल्फ़ाज़ चुभ गए तुम्हे… साफ दिल नही नज़र आया..
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राशि में लिखा है नए रिश्ते बना लूँ…छोड़िए जनाब !!! पहले… पहले तो निभा लूँ
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वो मंजिल ही बदनसीब थी जो हमें पा ना सकी, वरना जीत की क्या औकात जो हमें ठुकरादे
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फ़रिश्ते ही होंगे जिनके लिए आप busy है , वरना आजकल इंसान से रोज़ रोज़ बात कौन करता है
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गुस्ताख़ी और ग़लती में बहुत फर्क होता है मेरे दोस्त
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किसी ने सही कहा है, जो कुछ नहीं करते, वो बहुत कुछ कर सकते हैं।????
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कुछ तुम्हारी निगाह काफ़िर थी कुछ मुझे खराब होना था
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तन्हाई का दर्द धोखे से ज्यादा बड़ा होता है ….. धोखा उसके बगैर जीना सिखा देता है , लेकिन तन्हाई उसकी यादों में जीना सीखा देती है
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उनको लगी खरोंच का पता पूरे शहर को है, हमारे गहरे ज़ख्म की कहीं चर्चा तक नहीं
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