जिस तरहा रागों में खून रहता है, इस तरहा तेरी चाहत का जुनून रहता है, जिंदगी की हर खुशी मंसूबा हे तुम से, बात हो तुम से तो दिल को सुकून मिलता है
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किसने कहा पगली तुझसे की हम तेरी खूबसूरती पर मरते है,
हम तो उस अदा पर मरते है जिस अदा से तू हमे देखती है
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वो जब अपने हाथो की लकीरों में मेरा नाम ढूंढ कर थक गये, सर झुकाकर बोले, लकीरें झूठ बोलती है तुम सिर्फ मेरे हो
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मिल रहे हो न खो रहे हो तुम,
दिन ब दिन बेहद दिलचस्प हो रहे हो तुम
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नाम क्या दूँ मैं अपनी दीवानगी को..
बेचैनी दिल की तड़पने लगी है..
इस रवानगी से में क्या कहूँ..
जो हर पल तुम्हे याद करने लगी है।
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बड़ी मुद्दत से चाहा है तुझे! बड़ी दुआओं से पाया है तुझे! तुझे भुलाने की सोचूं भी तो कैसे! किस्मत की लकीरों से चुराया है तुझे
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कुछ कहने को दिल करता है..
जिसे कहते हुए डर लगता है..
आज propose day है कह ही डालते हैं..
हम तुम्हे दिल-ओ-जान से ज्यादा मोहब्बत करते हैं।
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नशा था तेरे प्यार का जिसमे हम खो गये तुम्हे भी नहीं पता चला कि कब हम तेरे हो गये
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मै सिर्फ दो लोगो से ही प्यार करता हूँ,
एक तो मेरी माँ जिन्होंने मुझे जन्म दिया
और दूसरी वो पगली जिसने मेरे लिए जन्म लिया
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इसी बात ने उसे शक मेँ डाल दिया हो शायद इतनी मोहब्बत उफ्फ कोई मतलबी ही होगा
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हमें चाँद जैसा चहेरा देखने की इज़ाज़त देदो,
हमें एक प्यारी सी शाम सजाने की इज़ाज़त देदो.
हमें कैद करलो आपकी मोहब्बत की जाल में,
या हमें आपको मोहब्बत करने की इज़ाज़त देदो
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सुन पगली मेरा StaTus तुझे Ð से ÐeeWana नही, Ð से Ðarling बना सकता है
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तुज़े जो छह दिल से है, मगर लगता नहीं आज कहे पाउँगा,
यादें जो दास्ताँ बन गयी है, इजहार करके मेरे नसीब को आजमाऊँगा.
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वो रूठ्कर बोली तुम्हे सारी शिकायते हमसे ही क्यू हैं, हमने भी सर झुका कर बोल दिया की हमे सारी उम्मीदे भी तो तुम से ही हैं
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आँसू बिना आँखे इतनी खूबसूरत नहीं होती,
गम बिना खुशी की कोई किम्मत नही होती,
अगर मिल जाती हर चीज़ चाहने से,
तो दुनिया में दुवाओं की जरूरत नहीं होती
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फिजा में महकती शाम हो तुम,प्यार में झलकता जाम हो तुम सीने में छुपाये फिरते हैं हम यादें तुम्हारी इसलिए मेरी जिंदगी का दूसरा नाम हो तुम
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वो इश्क करती है पर जाहिर नहीं करती, इस कदर खफ़ा है वो चाहने वाली, पोस्ट तो करती है पर टैग नहीं करती
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में कान्हा था कान्हा हु और कान्हा ही रहूंगा फैसला तुझे करना है पगली तुझे गोपी बनना है मीरा बनना है या मेरी राधा
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तन्हाइयों में उनको ही याद करते हैं..
वो सलामत रहे यही फरियाद करते है..
हम उनकी ही मोहबत का इंतज़ार करते है..
उनको क्या पता हम उनसे कितना प्यार करते हैं।
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तन्हाइयों में उनको ही याद करते हैं..
वो सलामत रहे यही फरियाद करते है..
हम उनकी ही मोहबत का इंतज़ार करते है..
उनको क्या पता हम उनसे कितना प्यार करते हैं।
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तुमको देखा तो मौहब्बत भी समझ आई, वरना इस शब्द की तारीफ ही सुना करते थे
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आपकी मुस्कान हमारी कमजोरी है..
कह ना पाना हमारी मजबूरी है..
आप क्यों नहीं समझते इस जज़्बात को..
क्या खामोशियों को ज़ुबान देना ज़रूरी है।
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फ़िज़ा में महकती शाम हो तुम..
प्यार में झलकता जाम हो तुम..
सीने में छुपाए फिरते है हम यादें तुम्हारी..
इसलिए मेरी ज़िन्दगी का दूसरा नाम हो तुम।
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दिल कि हसरत जुबां पर आने लगी, तुमको देखा और ज़िन्दगी मुस्कुराने लगी, ये दोस्ती कि इंतेहा हे या मेरी दीवानगी, हर सूरत में तेरी सूरत नज़र आने लगी
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